ममता
एक ममता ने
पत्थर बन,
अपनी नवजात बेटी को,
किसी पत्थर पर छोड़ दिया,
न जाने क्यों,
अपने लगाव का गला घोंट कर--
और एक मां ने जब
उसके फूल से बदन पर,
पत्थर से जख़्म देखे तो रो पड़ी-
अब उस मां की जिन्दगी के आगंन में,
हर रोज खिलता है,
वो फूल
सदाबहार फूल की तरहा--
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