Saturday, September 27, 2014

बिखरते सपने

ये जानता हर शख्स
कि देने वाला मेरा रब ही है
मगर उम्मीदों का चराग
किसी और की लौ से जलाने की उम्मीद
ना जाने क्यों बाध लेता है
और
जब उम्मीद टूटते ही
बिखर जाते हैं सपने