मेरा यह बलोग उन लोगों को समर्पित है जो किसी प्रभावशाली, दौलतमन्द की लाठी से हांकी गई भैंस की
चपेट में आ कर घायल हो गए,ज़ख़्मी हो गए।
Tuesday, August 7, 2012
मौसम की शरारत
आज फिर जिस्म को धूप ने छेड़ा है आज फिर मौसम ने शरारत की है सड़क को भी पता चल गया है कि मैं नंगे सिर और नंगे पांव ही जमीं पर चल रहा हूं.... मग़र जमीं पर तो चल रहा हूं खुले आसमां के नीचे मेरे पांव जमीं पर तो हैं.. किसी की अरमानों के सीने पर नहीं. *************************
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