मेरा यह बलोग उन लोगों को समर्पित है जो किसी प्रभावशाली, दौलतमन्द की लाठी से हांकी गई भैंस की
चपेट में आ कर घायल हो गए,ज़ख़्मी हो गए।
Friday, May 6, 2011
मेरा सफ़र
माना जिन्दगी सफ़र है, इस लिए चल रहा हूं, मंजिल कहां है, किस बाज़ार में मिलेगी ये जनता नहीं मैं-
जनता हूं तो बस इतना, मुझे चलना है और चलता रहूंगा तो, शायद मेरी , मंजिल भी मेरे साथ चलेगी, मैं रुकुंगा तो वो भी थम जाएगी। *******************************
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