एक ममता ने पत्थर बन, अपनी नवजात बेटी को, किसी पत्थर पर छोड़ दिया, न जाने क्यों, अपने लगाव का गला घोंट कर-- और एक मां ने जब उसके फूल से बदन पर, पत्थर से जख़्म देखे तो रो पड़ी- अब उस मां की जिन्दगी के आगंन में, हर रोज खिलता है, वो फूल सदाबहार फूल की तरहा-- ************************