Thursday, August 9, 2012

क्या चाहिए


कुपोषित बच्चों, 
कुपोषित महिलाओं 
को चाहिए 
पोषण,

वृद्धों को चाहिए 
आश्रय,
अनाथ को चाहिए
सहारे की छत्त
और 
गरीब को चाहिए,
रोटी, कपड़ा और मकान.
आम आदमी को चाहिए,
डायन मंहगाई से निज़ात,

लेकिन हुकमरान,
उन्हें दे रहे हैं
मोबाईल फोन,
बात करने के लिए,
मंहगाई से,
सहारे की छत्त से,
और 
बीमारी की लत से..

Tuesday, August 7, 2012

मौसम की शरारत


आज फिर जिस्म को धूप ने छेड़ा है
आज फिर मौसम ने शरारत की है
सड़क को भी पता चल गया है
कि मैं नंगे सिर और नंगे पांव ही
जमीं पर चल रहा हूं....
मग़र जमीं पर तो चल रहा हूं
खुले आसमां के नीचे
मेरे पांव जमीं पर तो हैं..
किसी की अरमानों के सीने पर नहीं.
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